मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस की तीसरी स्टेज (सामुदायिक संक्रमण) की आशंका बढ़ती जा रही है। इंदौर, भोपाल, उज्जैन और मुरैना में जिस तरह से केस सामने आए, उससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ रहा है। मुरैना में एक ही परिवार के 12 लोगों में संक्रमण पाया गया है। इनमें दुबई से लौटे संक्रमित युवक और उसकी पत्नी के अलावा पत्नी की मां, उसके 5 बच्चे और 4 रिश्तेदार शामिल हैं। ये सभी लोग संक्रमित युवक के यहां उसकी मां की तेरहवीं में शामिल हुए थे। इन 12 लोगों के अलावा, सबलगढ़ में रहने वाले बहन के परिवार में 10 लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं। सभी को मुरैना जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। वहीं, कैलारस के हलालकापुरा में भी इनके 13 रिश्तेदार हैं, जो घर से नहीं निकल रहे हैं। मेडिकल और पुलिस की टीम इन्हें मनाने की कोशिश कर रही है। इंदौर में एक ही परिवार के 12 और उज्जैन में भी ऐसा ही मामला सामने आया है।
इधर, राजधानी भोपाल में मरकज से लौटे 80 लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ। इनमें 8 पॉजिटिव पाए आए। ये जमाती शहर की विभिन्न मस्जिदों में रहे और पुराने शहर में कई दिन तक प्रचार किया। इधर, पुलिस महकमे ने अब बाहर से आए लोगों की जानकारी छिपाने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मध्यप्रदेश में अब तक 165 कोरोना संक्रमित मिले
मध्य प्रदेश में शनिवार तक 165 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इनमें इंदौर में 115, मुरैना में 12, भोपाल में 15, जबलपुर में 9, उज्जैन में 7, ग्वालियर-शिवपुरी-छिंदवाड़ा में 2-2 और खरगोन में एक संक्रमित मिला। इंदौर में 7, उज्जैन में 2 और खरगोन-छिंदवाड़ा में एक-एक संक्रमित की मौत हो चुकी है।
प्रदेश में मरकज से लौटे 40 लोगों की जानकारी नहीं, 530 अन्य यात्री भी गायब
प्रदेश से जिन 107 लोगों के निजामुद्दीन मरकज जाने की बात सामने आ रही है, वे संदेह के घेरे में हैं। ये वाे आंकड़ा है, जो भोपाल मरकज में अपने बारे में जानकारी देकर निजामुद्दीन मरकज में गए। प्रदेश के कई जिलों से लोगों के सीधे निजामुद्दीन मरकज जाने के भी मामले सामने आए। इन लोगों की संख्या की जानकारी नहीं मिल पा रही है। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने 15 हजार 450 यात्रियों को निगरानी में लिया था। इनमें 1 हजार 115 बाहरी यात्री बिना बताए गायब हो चुके हैं। निजामुद्दीन मरकज से लौटे 40 लोगों का भी पता नहीं चल पा रहा है। बताया जा रहा है कि ये लोग अब मस्जिदों में सामूहिक रूप से रहने के बजाय घरों में रह रहे हैं। वहीं, 6 हजार 590 बाहर से आए लोग क्वारैंटाइन पीरियड पूरा कर चुके हैं। 2 अप्रैल तक निगरानी रिपोर्ट के अनुसार, 530 अन्य यात्रियों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। सरकार जमात से आए अन्य लोगों को नहीं तलाश सकी है। इन लोगों से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
बाहरी लोगों की जानकारी छिपाई तो रासुका लगेगा
निजामुद्दीन मरकज से लौटे लोगों की संख्या की सही जानकारी पुलिस को नहीं मिल पा रही। हर जिले से अलग-अलग जानकारी आने के बाद डीजीपी विवेक जौहरी ने ऐसे लोगों के बारे में जानकारी छिपाने पर रासुका लगाने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को सेंट्रल इंटेलिजेंस से जानकारी मिलने के बाद डीजीपी ने देर रात उच्चस्तरीय बैठक में जमातियों पर कार्रवाई की समीक्षा की। कहा कि दूसरे प्रदेश से आए जमातियों को जल्द चिह्नित किया जाए। वे लोग जिस स्थान या मस्जिद में रुके हैं, उन्हें वहीं क्वारैंटाइन करें।